TRIPS वेवर याचिका पत्र
Dec 30, 2021
दुनिया भर के स्वास्थ्यकर्मी जी7 और ईयू सरकारों से कह रहे हैं कि बड़ी फ़ार्मा कंपनियों के मुनाफ़े से ऊपर जनता के स्वास्थ्य को रखा जाए। #कोविड-19 वैक्सीन और इलाज को साझा किया जाए!
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सार्वजनिक धन ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैज्ञानिक विकास के लिए रास्ता बनाया है- मगर अब कॉर्पोरेट के प्रोपेर्टी अधिकार महतावपूर्ण दवाइयों और उपकरणों तक पहुँच में बाधा बन रहे हैं और लाखों-करोड़ों लोगों की ज़िंदगी ख़तरे में डाल रहे हैं।
इसीलिए संगठनों और नागरिक समाज के साथ साथ कई सरकारें वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइज़ेशन (डबल्यूटीओ) से कोविड-19 वैक्सीन, दवाइयों और कोविड चिकित्सा में उपयोगी उपकरणों पर से इंटेलेक्चुअल प्रोपेर्टी के सुरक्षा उपाय हटाने की मांग कर रहे हैं(इसे TRIPS वेवर भी कहा जा रहा है)। मगर जी7 और यूरोपियन यूनियन के देश इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं।
इस पत्र पर हस्ताक्षर करें और उन्हें बताए कि निजी फ़ायदे को जनता के स्वास्थ्य से ऊपर नहीं रखा जाना चाहिए।
TRIPS वेवर के बारे में और पढ़ें:
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Civil society and trade unions from the Global South are calling on rich countries’ leaders to stop blocking a proposal to waive vaccine patents.
Monopoly patents or vaccines for all?
प्रिय [जी7/ईयू देश] के नेताओं,
भारत और साउथ अफ़्रीका में कोविड महामारी में फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स के तौर पर, हम हर रोज़ देख रहे हैं कि इस वायरस की वजह से लोग किस दर्द का सामना कर रहे हैं; कोई अपनी आख़िरी साँस लेता है, और पूरा परिवार ख़त्म हो जाता है। हमारे साथी स्वास्थ्यकर्मी भी अपनी जान गंवा रहे हैं।
हम [जी7/ईयू देशों] के स्वास्थ्यकर्मियों और उनके परिवारों के बारे में जानते हैं कि वह इस पीड़ा का सामना कर रहे हैं, और हम उनके साथ इस दुख में शामिल हैं।
मगर हम उस उम्मीद के भाव में शामिल नहीं हैं जो [जी7/ईयू देशों] के लोगों के मन में जान बचाने वाले टीके की वजह से पैदा हो रहा है।
एक तरफ़ जहाँ [जी7/ईयू देशों] के पास अपनी पूरी आबादी से भी ज़्यादा के लिए टीके मौजूद हैं, वहीं दूसरी तरफ़ अति-ग़रीब देशों में 10 में से 9 लोग इस साल टीका नहीं लगवा पाएंगे। एक स्वास्थ्यकर्मी के तौर पर हम हर किसी की जान की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, मगर टीकाकरण की इस सूची में हमारे लोग ही सबसे पीछे हैं।
हमारे देशों में कुछ कंपनियाँ कोविड-19 टीके बना रही हैं मगर हमारे और अन्य विकासशील देशों में कई उत्पादकों के पास और ज़्यादा बनाने की क्षमता और कौशल है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा जानें बच सकें। हमें यह देख कर दुख होता है [जी7/ईयू सरकारें जानबूझ कर ऐसा होने में रुकावट पैदा कर रही हैं।
हमारी सरकारों ने अस्थायी रूप से इंटेलेक्चुअल प्रोपेर्टी के नियमों में एक वेवर का प्रस्ताव रखा है, जिससे दुनिया भर में प्रशिक्षित उत्पादक ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में टीके और अन्य कोविड स्वास्थ्य टेक्नॉलॉजी जैसे थेरेप्यूटिक और डायग्नोस्टिक बना सकते हैं। मगर [जी7/ईयू देश] इसका समर्थन नहीं कर रहे हैं। वह टीके की जानकारी सिर्फ़ कुछ फ़ार्मा कंपनियों तक सीमित रख रहे हैं, जो यह निश्चित कर रही हैं कि कौन जियेगा और कौन मरेगा।
[हालांकि हमारे सरकारी प्रतिनिधियों को इस हफ़्ते जी7 सम्मेलन में शामिल होने के लिए बुलाया गया है, हम चाहते हैं कि आप इस संकट के फ्रंटलाइन से हमारी आवाज़ें भी सुनें।]
इस ज़रूरत की घड़ी में, [जी7/ईयू] सरकार उन फ़ार्मा कंपनियों के साथ कैसे खड़ी रह सकती है, जिनकी इच्छाओं से हमारे हज़ारों-लाखों लोगों की मौत हो रही है। हम आपसे मांग करते हैं कि हमारी सरकारों द्वारा प्रस्तावित किए गए इंटेलेक्चुअल प्रोपेर्टी वेवर का तुरंत समर्थन करें। एक दिन कि भी देरी हमारे दर्द को बढ़ा रही है।
*नोट: इस पत्र का इस्तेमाल डबल्यूटीओ में TRIPS वेवर का समर्थन न करने वाली अन्य सरकारों को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है।
याचिका पर हस्ताक्षर करें
हम, भारत और साउथ अफ़्रीका के स्वास्थ्यकर्मी जी7 और ईयू सरकारों ने TRIPS वेवर प्रस्ताव में रुकावट न बनने की मांग करते हैं
Veronika BüssyVERDI Germany
almost 3 years agoAnonymous signature
almost 3 years agoLeila Maxhuni Germany
about 3 years agoAlice Barrett United States
over 3 years agoGeorge Bonn Italy
over 3 years agoCasey Qian Canada
over 3 years agoRochelle Senwana South Africa
over 3 years agoKedibone Mdolo South Africa
over 3 years agoMarko Janžić Croatia
over 3 years agoJOSE ANTONY India
over 3 years agoArul Anthony Australia
over 3 years agoDr. Mohan Rao India
over 3 years agoJan Swasthya Abhiyan-Mumbai India
over 3 years agoDr Sarin S M India
over 3 years agoShomon ThomasNurse Malta
over 3 years agoAlsa Saraswathy Staff nurse Malta
over 3 years agoBexenCarer India
over 3 years agoNebu Mathai India
over 3 years agoNimrat kaurproject coordinator India
over 3 years agoMishthi aroraStudent India
over 3 years agoAkansha AroraManagement India
over 3 years agoSibusiso Nkasa South Africa
over 3 years agoHermann Reuterdoctor South Africa
over 3 years agoLisema International Relations Officer South Africa
over 3 years agoJohn FultonPresident Biotech Canada
over 3 years agoVanessa JapthaEducation Rights Advocacy Manager South Africa
over 3 years agoNtsiki MpuloCommunications South Africa
over 3 years agoolivia comptonFull time employee United Kingdom
over 3 years agoJibin TCNurse India
over 3 years agoABDIKADIR AHMEDHealth Worker Kenya
over 3 years agoChristian Rumu Kenya
over 3 years agoGenevieve Quintaljournalist South Africa
over 3 years agoDeepak KumarPublic Health Professional India
over 3 years agoJeremiah Tshabangu OCCUPATIONAL HEALTH STUDENT South Africa
over 3 years agoMULAMBYA FredMedical doctor Zambia
over 3 years agoJoyce SibandaNurse Eswatini
over 3 years agoTracy EastmanMedical Doctor South Africa
over 3 years agoRehema ChengoCHW Coordinator Kenya
over 3 years agoHelen BockClinical Program Coordinator and Supporter/NIMART NURSE South Africa
over 3 years agoMike tauSaccawu 2nd Deputy President South Africa
over 3 years agoMaikepa MotlalepuleProfessional Nurse South Africa
over 3 years agoZodwa GqiranaNurse South Africa
over 3 years agoLettyshaNursw Kenya
over 3 years agoMd AsaduzzamanDeputy Director Bangladesh
over 3 years agoEmmanuel E Longshak[email protected] Nigeria
over 3 years agoRashidatu Fouad KamaraMedical Doctor Sierra Leone
over 3 years agoRebecca BerhanuPhysician South Africa
over 3 years agoReeby merry thomasStaff nurse India
over 3 years agoRamaswiela Tshinakaho Nurse South Africa
over 3 years agoTshepo Moreetsi Enrolled nursing assistant South Africa
over 3 years agoSpanera Professional nurse South Africa
over 3 years agoHeather SamInternational Relations & Marketing Manager South Africa
over 3 years agoSacha KnoxHealth researcher South Africa
over 3 years agoMandisa MbunduNurse South Africa
over 3 years agoSALOME MALATJIAuxiliary Nurse South Africa
over 3 years agoManti Enrolled Nurse Auxiliary South Africa
over 3 years agoMzikazi Nkata Forensic Pathology Officer South Africa
over 3 years agoLinda GreeffOncology social worker South Africa
over 3 years agoPhilip LewisLocal government United Kingdom
over 3 years agoThandeka Msibi Nursing South Africa
over 3 years agoFran Baumprofessor Australia
over 3 years agoBojan Kanižaj Croatia
over 3 years ago